- भारत के संविधान को बनने में 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन लगे थे।
-1600 ईस्वी में ईस्ट इंडिया कंपनी का भारत में आगमन हुआ।
- महारानी एलिजाबेथ प्रथम द्वारा ईस्ट इंडिया कम्पनी को भारत में व्यापार का एकाधिकार दिया गया।
-1600 से 1858 तक कंपनी का शासन
-1858 से 1947 तक ताज का शासन
-रेगुलेटिंग एक्ट 1773-
इसके तहत कंपनी को रेलुलेट किया गया, भ्रष्टाचार की वजह से। इसके तहत कंपनी के कार्यों के नियंत्रित किया गया।कंपनी के कर्मचारियों पर रिश्वत लेने पर रोक लगाया गया। इसके तरहत कंपनी के प्रशासनिक और राजनीतिक कार्यों को मान्यता दी गई।
इसके तहत गवर्नर पद का नाम बदलकर बंगाल का गवर्नर जनरल कर दिया गया।
बंगाल के पहले गवर्नर जनरल थे वॉरेन हेस्टिंग
इस एक्ट के तहत कलकत्ता में उच्चतम न्यायालय की स्थापना की गई। इसमें एक चीफ़ जस्टिस और तीन जज थे। पहले मुख्य न्यायाधीश इलिजा इम्पे थे।
-1784 का पिट्स इंडिया एक्ट
इसको 1773 के रेगुलेटिंग एक्ट की कमियों को दूर करने के लिए लाया गया था। यह 1781 में पारित किया गया था, लागू 1784 में हुआ।
इसके एक्ट ऑफ़ सैटलमेंट भी कहा गया था।
इस एक्ट के तहत कंपनी के राजनीतिक और व्यापारिक कार्यों को अलग किया गया। राजनीतिक कार्यों को देखने के लिए बोर्ड ऑफ़ कंट्रोल बनाया गया और व्यापारिक कार्यों को देखने के लिए निदेशक मंडल का गठन किया गया।
इस एक्ट के तहत द्वैध शासन पद्वति की शुरुआत होती है।
पिट्स इंडिया एक्ट नाम ब्रिटेन के तत्कालीन युवा प्रधानमंत्री विलियम पिट के नाम पर रखा गया।
-1793 का चार्टर एक्ट
इस एक्ट के तहत व्यापारिक एकाधिकार को 20 वर्षों के लिए बढ़ा दिया
-1813 का चार्टर एक्ट
कंपनी के व्यापारिक एकाधिकार को समाप्त कर दिया, यानि भारतीय व्यापार को सभी ब्रिटिश के लिए खोल दिया गया। लेकिन चाय और चीनी के व्यापार का एकाधिकार अब भी कंपनी के पास था।
इस एक्ट के तहत ईसाई मिशनरियों को भारत आकर लोगों को प्रबुद्ध करने की अनुमति प्रदान की।
इसके तहत भारत के ब्रिटिश इलाक़ों के बाशिंदों के बीच पश्चिमी शिक्षा के प्रचार-प्रसार की व्यवस्था की।
इसके तहत भारत के स्थानीय सरकारों को व्यक्तियों पर कर लगाने के लिए अधिकृत किया।कर भुगतान नहीं करने पर दंड का भी प्रावधान किया।
-1833 का चार्टर एक्ट
इस एक्ट के तहत चाय और चीनी के व्यापार के एकाधिकार को समाप्त कर दिया गया
बंगाल के गवर्नर जनरल को पूरे भारत का गवर्नर जनरल बना दिया गया। भारत के पहले गवर्नर जनरल थे लॉर्ड विलियम बेंटिक
इस अधिनियन के तहत ईस्ट इंडिया कंपनी प्रशासनिक कंपनी बन गई थी।
सिविल सर्विस के लिए खुली प्रतियोगिता का प्रावधान किया गया। लेकिन ब्रिटिश अधिकारियों के विरोध की वजह से लागू नहीं किया गया था।
चार्टर अधिनियम 1853
इसकी अन्तिम चार्टर एक्ट भी कहा जाता है।
ब्रिटिश संसद द्वारा पारित किए गए चार्टर अधिनियम उसकी श्रृंखला का यह अंतिम अधिनियम था।
भारत शासन अधिनियम 1858
1858 की क्रान्ति के पश्चात ब्रिटिश क्राउन ने भारत का शासन कपंनी के हाथों से लिया और भारत के शासन को अच्छा बनाने वाले अधिनियम के नाम से 1858 का भारत शासन अधिनियम लाया
इसके तहत भारत ब्रिटिश क्राउन के अन्तर्गत आ गया।
इसके तहत वायसराय का पद बनाया,मतलब ब्रिटिश रानी का निजी प्रतिनिधि। भारत का गवर्नर जनरल को भारत का वायसराय बनाया
पहला वायसराय था लार्ड कनिंग
इसके तहत भारत सचिव का पद बना।इसके साथ 15 सदस्यों का परिषद था।
भारत शासन अधिनियम 1861
इसके तहत विभागीय प्रणाली शुरू हो गई थी।
इसके तहत भारतीयों का प्रतिनिधित्व स्वीकार किया गया, गैर-सरकारी सदस्यों को रूप में।
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